Ratan Tata Biography सुप्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को निधन हो गया। श्री रतन टाटा पिछले काफी समय से शारीरिक रूप से अस्वास्थित थे। उम्र संबंधी परेशानियों की वजह से उन्हें मुंबई के कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां 9 अक्टूबर 2024 को उन्होंने अपनी अंतिम साँस ली। उन्होंने अपने जीवन काल में अनेक नवीन बुलंदियों को हासिल किया। आज आर्टिकल में हम उनके जीवन के सफर के बारे में जानेंगे श्री रतन टाटा युवा अनेक उद्योगपतियों के लिए प्रेरणादायक रहे हैं।
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को टाटा परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम नवल टाटा व उनकी माता का नाम सूनी कमिसारीट था। रतन टाटा की भर्ती 9 अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की आयु में हुई।
रतन टाटा जीवन परिचय
जन्म | 28 दिसंबर 1937 |
मृत्यु | 9 अक्टूबर 2024 |
शिक्षा | कॉर्नल विश्वविद्यालय व हार्वर्ड विश्वविद्यालय |
आयु | 86 वर्ष |
परिवार | पिता का नाम श्री नवल टाटा वी माता का नाम सूनी कमिसारीट |
जीवन साथी | अविवाहित |
पुरस्कार | पद्म विभूषण 2008, व पद्म भूषण 2000 |
प्रसिद्ध कथन | में सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं रखता मैं पहले निर्णय लेता हूं फिर उन्हें सही साबित करने की कोशिश करता हूं |
Ratan Tata Awards: रतन टाटा को मिले पुरस्कार
रतन टाटा को उनके कई प्रकार के उल्लेखनीय कार्यों के लिए पुरस्कार व सम्मान से अनेकों बार सम्मानित किया गया है। इनमें से कुछ का उल्लेख नीचे किया जा रहा है:-
नाम
|
वर्ष
|
पुरस्कार देने वाला संगठन
|
पद्म भूषण
|
2000
|
भारत सरकार
|
पद्म विभूषण
|
2008
|
भारत सरकार
|
मानद डॉक्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
|
2001
|
ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी
|
ओरिएंटल रिपब्लिक ऑफ उरुग्वे का पदक
|
2004
|
उरुग्वे सरकार
|
मानद डॉक्टर ऑफ टेक्नोलॉजी
|
2004
|
एशियाई प्रौद्योगिकी संस्थान
|
अंतर्राष्ट्रीय विशिष्ट उपलब्धि पुरस्कार
|
2005
|
बी’नाई बी’रिथ इंटरनेशनल
|
मानद डॉक्टर ऑफ साइंस
|
2005
|
वारविक विश्वविद्यालय.
|
मानद डॉक्टर ऑफ साइंस
|
2006
|
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास
|
जिम्मेदार पूंजीवाद पुरस्कार
|
2006
|
विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रेरणा और मान्यता के लिए (FIRST)
|
मानद फैलोशिप
|
2007
|
लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस
|
कार्नेगी परोपकार पदक
|
2007
|
कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस
|
मानद डॉक्टर ऑफ लॉ
|
2008
|
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
|
मानद डॉक्टर ऑफ साइंस
|
2008
|
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे
|
मानद डॉक्टर ऑफ साइंस
|
2008
|
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर
|
मानद नागरिक पुरस्कार
|
2008
|
सिंगापुर सरकार
|
मानद फैलोशिप
|
2008
|
इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
|
प्रेरित नेतृत्व पुरस्कार
|
2008
|
प्रदर्शन थियेटर
|
मानद नाइट कमांडर ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर (KBE)
|
2009
|
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय
|
2008 के लिए इंजीनियरिंग में आजीवन योगदान पुरस्कार
|
2009
|
भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी
|
इतालवी गणराज्य के ऑर्डर ऑफ मेरिट के ग्रैंड ऑफिसर
|
2009
|
इटली सरकार
|
मानद डॉक्टर ऑफ लॉ
|
2010
|
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
|
हैड्रियन पुरस्कार
|
2010
|
विश्व स्मारक कोष
|
ओस्लो बिजनेस फॉर पीस पुरस्कार
|
2010
|
बिजनेस फॉर पीस फाउंडेशन
|
लीजेंड इन लीडरशिप अवार्ड
|
2010
|
येल विश्वविद्यालय
|
मानद डॉक्टर ऑफ लॉज
|
2010
|
पेप्परडाइन विश्वविद्यालय
|
शांति के लिए व्यापार पुरस्कार
|
2010
|
बिजनेस फॉर पीस फाउंडेशन
|
वर्ष का बिजनेस लीडर
|
2010
|
एशियाई पुरस्कार
|
मानद फेलो
|
2012
|
रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग
|
डॉक्टर ऑफ बिज़नेस की मानद उपाधि
|
2012
|
न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी
|
ग्रैंड कॉर्डन ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ द राइजिंग सन
|
2012
|
जापान सरकार
|
विदेशी सहयोगी
|
2013
|
राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी
|
दशक के परिवर्तनकारी नेता
|
2013
|
भारतीय मामले भारत नेतृत्व सम्मेलन 2013
|
अर्न्स्ट एंड यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर – लाइफटाइम अचीवमेंट
|
2013
|
अर्न्स्ट एंड यंग
|
बिजनेस प्रैक्टिस के मानद डॉक्टर
|
2013
|
कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय
|
मानद डॉक्टर ऑफ बिजनेस
|
2014
|
सिंगापुर प्रबंधन विश्वविद्यालय
|
सयाजी रत्न पुरस्कार
|
2014
|
बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन
|
मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर (GBE)
|
2014
|
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय
|
मानद डॉक्टर ऑफ लॉज
|
2014
|
यॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा
|
ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग के मानद डॉक्टर
|
2015
|
क्लेम्सन विश्वविद्यालय
|
सयाजी रत्न पुरस्कार
|
2015
|
बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन, ऑनोरिस कॉसा, एचईसी पेरिस
|
लीजन ऑफ ऑनर के कमांडर
|
2016
|
फ़्रांस सरकार
|
मानद डॉक्टरेट
|
2018
|
स्वानसी विश्वविद्यालय
|
असम बैभव
|
2021
|
असम सरकार
|
टाटा की पहचान
भारत के हर एक घर में टाटा नमक की पहचान से लेकर आकाश में अपनी पहचान रखने वाले रतन टाटा 9 अक्टूबर 2024 को अलविदा कह गए। टाटा समूह ने विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से समाज की मदद करने का कार्य किया है। टाटा ट्रस्ट व टाटा साइंस में अधिकांश से शेयर हो गए मालिकों ने शिक्षा स्वास्थ्य व ग्रामीण विकास जैसी महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों का समर्थन किया। इन्होंने अपना एक बड़ा हिस्सा धन का उनकी सेवा में खर्च किया। रतन टाटा ने कई चैरिटी के माध्यम से सीधे तौर पर जन सेवा कार्य किया है। रतन टाटा ने कोलकाता में टाटा मेडिकल सेंटर बनाने में मदद की जो कि कैंसर के इलाज के लिए जाना जाता है। इन्होंने भारत में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं खेती और स्कूल के लिए आर्थिक रूप से सहयोग देकर मदद की है। इसी वजह से आज 9 अक्टूबर 2024 को रतन टाटा के निधन पर पूरा भारत निराशा से घिरा हुआ है।